दोषी मुकेश की नई तिकड़म, कहा- ‘मेरे मौलिक अधिकार का हनन हुआ’

चौथी बार डेथ वारंट जारी करने केअगले ही दिन निर्भया मामले के दोषी मुकेश ने अब नया पैंतरा चलते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर फिर से क्यूरेटिव पिटीशन और राष्ट्रपति केसमक्ष दया याचिका दायर करने की इजाजत मांगी है। मालूम हो कि निर्भया के चारों दोषी अपने तमाम कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल पहले ही कर चुके हैं। इसी बात का ध्यान में रखते हुए गुरुवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वारंट जारी करते हुए चारों दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए 20 मार्च की तारीख तय की है। वकील मनोहर लाल शर्मा के माध्यम से दायर याचिका में मुकेश ने अमाइकस क्यूरी पर आरोप लगाया है कि उसे नहीं बताया गया कि क्यूरेटिव पिटीशन दायर करने के लिए तीन वर्ष का वक्त होता है।लिहाजा उसने क्यूरेटिव व दया याचिका फिर से दायर करने की इजाजत दी जाए। मुकेश ने याचिका में कहा है कि उसके खिलाफ साजिश रची गई है। उसे सही जानकारी नहीं दी गई है। लिहाजा उसके मौलिक अधिकार का हनन हुआ है। यहीं वजह है कि उसने रिट याचिका दायर की है।
याचिका में कहा गया कि लिमिटेशन एक्ट की धारा-137 के तहत याचिका दायर करने की सीमा निर्धारित है।
वहीं जिनमें याचिका दायर करने की समयसीमा निर्धारित नहीं है उसमें तीन वर्ष तक का वक्त होता है। लिहाजा क्यूरेटिव पिटीशन दायर करने की समय सीमा तीन वर्ष है। ऐसे में मुकेश केलिए क्यूरेटिव पिटीशन दायर करने की सीमा जुलाई 2021 है। याचिका में मुकेश ने आरोप लगाया गया कि अमाइकस क्यूरी ने जबरन दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर सुधारात्मक याचिका दायर की।याचिका में कहा गया कि छह दिसंबर 2019 से लेकर तीन मार्च 2020 तक के बीच निर्भया मामले में दिए आदेशों को निरस्त किया जाना चाहिए। साथ ही उसे फिर से सुधारात्मक व दया याचिका दायर करने की इजाजत दी जाए।