दिल्ली हिंसा ने कासगंज जिले के एक युवक की जान ले ली। वो 25 फरवरी से लापता था। परिजन उसकी तलाश कर रहे थे। दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल में रखे अज्ञात शवों में एक शव उसका था। शनिवार को मृतक के परिजनों ने उसकी शिनाख्त की। युवक दिल्ली में रिक्शा चलाकर परिवार का भरण पोषण करता था। उसकी मौत से परिवार में सदमे में है। प्रेम सिंह (27) पुत्र जगदीश निवासी रजपुरा सलेमपुर (कासगंज) छह माह पूर्व रोजगार की तलाश में अपने पूरे परिवार के साथ दिल्ली गया था। दिल्ली में वो ब्रजपुरी इलाके में स्थित एक मकान में किराए पर पत्नी, बच्चे, मां और भाई-बहन के साथ रहता था। परिजनों ने बताया कि प्रेम सिंह 25 फरवरी को सुबह घर से दूध लेने के लिए निकला था। इसी दौरान हिंसा में घायल हो गया। किसी ने उसे दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल में भर्ती कराया था। अस्पताल में उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई। उधर, जब युवक घर नहीं लौटा तो परिजन चिंतित हो गए। उन्होंने उसकी तलाश शुरू कर दी। तलाश करते हुए परिजन गुरु तेग बहादुर अस्पताल पहुंच गए, जहां रखे अज्ञात शवों में प्रेम सिंह का शव मिला। उसका शव देखते ही परिजन चीत्कार कर उठे। बूढ़ी मां बदहवास हो गई। मृतक के भाई श्यामसुंदर ने बताया कि मामले की तहरीर दयालपुर थाना पुलिस को दी है। युवक प्रेम सिंह रोजगार की तलाश में छह माह पहले दिल्ली गया था, लेकिन जब उसे कोई रोजगार नहीं मिला तो वो रिक्शा चलाने का काम करने लगा। रिक्शा चलाने से जो आय हो रही थी उसी से वो पत्नी, बच्चों एवं मां और भाई-बहन का भरण पोषण कर रहा था। दिल्ली हिंसा में मारे गए प्रेम सिंह की तीन बेटियां हैं। बेटियों के सिर से पिता का साया उठ गया है। पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल है। उसकी समझ में नहीं आ रहा कि वो तीनों बेटियों की परवरिश किस तरह से करेगी। दिल्ली हिंसा में मारे गए प्रेम सिंह की तीन बेटियां हैं। बेटियों के सिर से पिता का साया उठ गया है। पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल है। उसकी समझ में नहीं आ रहा कि वो तीनों बेटियों की परवरिश किस तरह से करेगी।