तीसरी बार मायूस होकर लौटा जल्लाद

निर्भया केस के दोषियों की फांसी जब तीसरी बार टली तो गुनहगारों और उनकी मौत के बीच में करीब 12 घंटे का ही समय बचा था। तिहाड़ के अंदर फांसी की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी थीं और जल्लाद पवन को भी लग रहा था कि अब वो घड़ी आ ही जाएगी जिसका इंतजार वो लंबे समय से कर रहा था।दिल्ली की तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड के चार दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए सभी जरूरी तैयारियां कर ली थी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। चारों दोषियों को मंगलवार सुबह फांसी होनी थी हालांकि सोमवार की शाम पटियाला हाउस कोर्ट ने अगले आदेश तक फांसी पर रोक लगा दी थी।सजा को टालते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने कहा कि राष्ट्रपति के समक्ष लंबित दोषी पवन गुप्ता की दया याचिका के निस्तारण तक फांसी नहीं दी जा सकती। न्यायाधीश ने कहा कि किसी भी दोषी के मन में अपने रचयिता से मिलते समय ये शिकायत नहीं होनी चाहिए कि देश की अदालत ने उसे कानूनी उपायों का इस्तेमाल करने की इजाजत देने में निष्पक्ष रूप से काम नहीं किया।जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘चारों दोषियों को फांसी की सजा देने का वक्त मंगलवार सुबह छह बजे निर्धारित था, इसके लिए हमने सभी जरूरी इंतजाम कर लिए थे। अब, सजा टल गई है और हम अदालत के अगले आदेश की प्रतीक्षा कर रहे हैं।