ऑपरेशन कमल: संकट में कमलनाथ सरकार

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा मंगलवार को भाजपा पर लगाए गए विधायकों के खरीद-फरोख्त के दावों के बाद से ही सियासी संग्राम जारी है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने उनके और बसपा के विधायकों को बंधक बनाया हुआ है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के तीन और एक निर्दलीय विधायक को बंगलूरू ले जाया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जीतू पटवारी के आरोप पर कहा कि मामला उनके घर का है, आरोप हम पर लगाते हैं। उनका काम केवल आरोप लगाना है। अब इतने गुट हैं कांग्रेस में कि आपस में ही मारम मार मची हुई है।
मंगलवार की सुबह कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा कि भाजपा नेता भूपेंद्र सिंह बसपा से निलंबित विधायक रमाबाई को लेकर चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली पहुंचे हैं। हालांकि, रमाबाई के पति गोविंद ने इसका खंडन करते हुए कहा कि रमाबाई अपनी बेटी से मिलने के लिए दिल्ली गई हैं। इसके बाद मंगलवार रात को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दिल्ली जाने को लेकर भी राज्य में जमकर राजनीति हुई।
आनन-फानन में कांग्रेस ने मंगलवार रात मंत्री जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह को दिल्ली के लिए रवाना किया। पटवारी ने बताया कि उनके होटल पहुंचने से पहले ही सभी विधायकों को कहीं और भेज दिया गया था। उन्होंने कहा कि केवल रमाबाई ही होटल के बाहर मिलीं।
वहीं दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता और पूर्व मंत्री रामपाल सिंह, नरोत्तम मिश्र, संजय पाठक और अरविंद भदौरिया विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा के कब्जे में कांग्रेस के छह विधायकों के साथ कुल 10-11 विधायक हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे सभी छह विधायक वापस लौटना चाहते हैं लेकिन भाजपा उन्हें रोक रही है। कांग्रेस आज इस मुद्दे पर प्रेस कांफ्रेंस करेगी।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि इससे भाजपा का कोई लेना-देना नहीं है। यह कांग्रेस का अंतर्कलह है इसका जवाब कमलनाथ, सिंधिया और दिग्विजय को देना चाहिए।
हॉर्स ट्रेडिंग पर ग्वालियर में कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मुझे  विधायकों के खरीद फरोख्त की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि मेरे पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है।