बचपन में ज्यादा एंटीबायोटिक खाने से हाजमा होगा खराब

लाइफ स्टाइल ( RASHTRA PRATHAM) : बच्चे को सर्दी-जुकाम हुआ नहीं कि डॉक्टर एंटीबायोटिक खाने की सलाह देते हैं। हालांकि, ‘अमेरिकन जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एंड लिवर फिजियोलॉजी जर्नल’ में छपे एक अध्ययन की मानें तो शारीरिक और मानसिक विकास के शुरुआती चरण में एंटीबायोटिक का सेवन न सिर्फ हाजमा बिगाड़ सकता है, बल्कि पेट संबंधी रोगों से लड़ने की क्षमता भी घटाता है।

शोधकर्ताओं के मुताबिक एंटीबायोटिक गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रणाली की आंतरिक संरचना में बदलाव लाता है। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रणाली में सर्वाधिक मात्रा में गुड बैक्टीरिया पाए जाते हैं। ये न सिर्फ पाचन क्रिया को सुचारु बनाए रखते हैं, बल्कि पेट और आंत की सेहत के लिए हानिकारक कीटाणुओं के खात्मे में भी अहम भूमिका निभाते हैं।

गुड बैक्टीरिया की मौजूदगी पाचन तंत्र में रक्तप्रवाह बढ़ाने और हाजमा दुरुस्त रखने वाले तरल पदार्थों का बहाव सुचारु बनाए रखने में भी मददगार है। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रणाली की आंतरिक संरचना बदलने से गुड बैक्टीरिया दम तोड़ने लगते हैं।