बसप्पा दानप्पा जत्ती
(10 सितंबर 1913 – 7 जून 2002)
इतिहास के झरोखों से (Rashtra Pratham): बासप्पा दानप्पा जत्ती का जन्म 10 सितम्बर 1912 को बीजापुर ज़िले के सवालगी ग्राम में हुआ था। बीजापुर ज़िला, कर्नाटक का विभाजित भाग भी बना। जब इनका जन्म हुआ, तो गाँव में मूलभूत सुविधाओं का सर्वथा अभाव था। इनका ग्राम मुंबई प्रेसिडेंसी की सीमा के निकट था। इस कारण वहाँ की भाषा मराठी थी, कन्नड़ भाषा नहीं। श्री बासप्पा के दादाजी ने सवालगी ग्राम में एक छोटा घर तथा ज़मीन का एक टुकड़ा ख़रीद लिया था। लेकिन आर्थिक परेशानी के कारण घर और ज़मीन को गिरवी रखना पड़ा ताकि परिवार का जीवन निर्वाह किया जा सके।
बी. डी. जत्ती भारत के पूर्व उप राष्ट्रपति व पूर्व कार्यवाहक राष्ट्रपति थे। उनका कार्यकाल ३१ अगस्त १९७४ से ३० अगस्त १९७९ तक पाच सालोंका रहा। १९७७ में राष्ट्रपति फ़ख़रुद्दीन अली अहमद के निधन के बाद छह माह (११ फरवरी से २५ जुलाई) तक जत्ती भारत के कार्यवाहक राष्ट्रपति थे।
बी. डी. जत्ती को फ़ख़रुद्दीन अली अहमद की मृत्यु के बाद कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में नियुक्त किया गया था। वह भारतवर्ष के निर्वाचित राष्ट्रपति नहीं थे। अतः इन्हें कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में ही सम्बोधित किया जाता है। भारतीय संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार उपराष्ट्रपति को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाए जाने की व्यवस्था है, यदि किसी भी कारणवश राष्ट्रपति का पद रिक्त हो जाए। फ़ख़रुद्दीन अली अहमद की मृत्यु के समय बी.डी जत्ती देश के उपराष्ट्रपति पद पर थे। कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में इनका कार्यकाल 11 फ़रवरी 1977 से 25 जुलाई 1977 तक रहा। इस दौरान इन्होंने अपना दायित्व संवैधानिक गरिमा के साथ पूर्ण किया।
७ जून २००२ को बंगलोर में उनकि मृत्यु हो गई जब वे ८८ साल के थे।