उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को यौन उत्पीड़न मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद को जमानत देने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। वहीं उनके मामले को उत्तर प्रदेश से दिल्ली स्थानांतरित करने वाली याचिका पर यूपी सरकार, चिन्मयानंद और अन्य को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है।न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की पीठ ने याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने चिन्मयानंद को जमानत देने वाले आदेश में कारण दिए थे और इसलिए इसमें किसी हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है।
हालांकि पीठ ने चिन्मयानंद के खिलाफ चल रहे मामले को दिल्ली की अदालत को सौंपने संबंधी एक अन्य याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया। उच्च न्यायालय ने तीन फरवरी को चिन्मयानंद को जमानत दे दी थी जिसे यौन उत्पीड़न के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था।
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में चिन्मयानंद के ट्रस्ट द्वारा संचालित कॉलेज में विधि की छात्रा ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।