सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अवमानना कर रहा है करोल बाग जोन भवन निर्माण विभाग

Editor’s Pick नई दिल्ली। उत्तरी दिल्ली नगर निगम अन्तर्गत करोल बाग जोन के अन्तर्गत मोती नगर विधन सभा क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले तीनों निगम क्षेत्र रमेश नगर ,मोती नगर ,कर्मपुरा निगम क्षेत्रा हो या इसके बगल में स्थित पटेल नगर सभी जगह बेखौफ जे.ई.और बिल्डरों के सांठ-गांठ से बड़े पैमाने पर कमर्शियल अवैध निर्माण को अंजाम दिया जा रहा है।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के तीन दर्जन से अधिक इंजिनियरिंग विभाग के अभियन्ता को भ्रष्टाचार के आरोप में नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया लेकिन आप खुद देख सकते है कि कीर्तिनगर इंडस्ट्रीयल क्षेत्र में 28 सौ गज के इंडस्ट्रीयल प्लाट 8/29 के बगल में कई टुकड़ों में काटकर कमर्शियलअवैध निर्माण को अंजाम दिया जा रहा है।
इसी प्रकार कीर्तिनगर टिम्बर मार्केट, फर्नीचर मार्केट, रामा रोड जयदेव पार्क, मोतीनगर , रमेश नगर ,मानसरोवर गार्डन, सरस्वती गार्डन आदि क्षेत्रों में रिहाईशी प्लाटों तक में अवैध निर्माण कर जहां कमर्शियल निर्माण किया जा रहा है वहीं इंडस्ट्रीयल बड़े -बड़े प्लाटों को टुकड़ों में काटकर कमर्शियल प्लाटों में बगैर लैंड यूज चेंज कराये अवैध निर्माण विभाग से सांठ-गांठ कर बिल्डर कर रहे हैं।
डी.आई.डी द्वारा लगातार उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर ,कमिश्नर व डिप्टी कमिश्नर जोन को इन अवैध निर्माणों के संर्दभ में सूचना दिये जाने के उपरांत पर भी बेखौफ अवैध निर्माण जारी है। प्रधन मंत्री नरेन्द्र मोदी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की दिशा में जहां प्रयत्नशील है वहीं उत्तरी दिल्ली नगर निगम के विभिन्न जोनों सहित करोल बाग जोन में बड़े पैमाने पर जारी अवैध निर्माण भ्रष्टाचार को घटाने की जगह बढ़ाने में अहम भूमिका अदा कर रही है। कीर्तिनगर फर्नीचर ब्लाॅक 73 नम्बर ,1/39, 1/43 कीर्तिनगर टिम्बर मार्केट, ए1/12 कीर्तिनगर मार्बल मार्केट, सी – 209, डी-142 मानसरोवर गार्डन, 2/81 कीर्तिनगर टिम्बर मार्केट , 8/29 के बगल में कीर्तिनगर इंडस्ट्रीयल एरिया, एपफ-44,38/5-6, 26/1, 2, 3, 4 रमेश नगर के अतिरिक्त मानसरोवर गार्डन रतन डेरी के सामने बिल्डरों द्वारा स्टाॅप आर्डर के बाद बनायी गई कमर्शियल बिल्ंिडग करोल बाग जोन भवन निर्माण विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की दास्तान खुद बयां कर रहा है । लोकायुक्त व सी.बी.आई द्वारा जांच से स्वतः स्पष्ट हो जायेगा कि किस प्रकार भ्रष्ट अधिकारी , प्रधन मंत्री , मुख्य मंत्री को गुमराह कर रहे बल्कि खुले आम सुप्रीम कोर्ट के आदेश की भी अवमानना कर रहे है।