बेवजह न पहनें मास्क, दिल्ली मेट्रो-बसों को रोज किया जा रहा सेनेटाइज

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोरोनावायरस से बिना वजह डरने की आवश्यकता नहीं है। बिना डॉक्टरों की सलाह के मास्क पहनने की आवश्यकता नहीं है। दिल्ली की 25 जगहों पर इसकी चेकिंग की व्यवस्था की गई है। दिल्ली मेट्रो और बसों को रोजाना सेनेटाइज कर सुरक्षित बनाया जा रहा है, इसलिए उनके इस्तेमाल से डरने की कोई आवश्यकता नहीं है।  मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जिन तीन मरीजों को वायरस के सम्पर्क में आने की जानकारी मिली थी, उनके सभी संभावित आसपास के लोगों को सर्विलांस पर चेक किया गया है। इसके लिए आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। लोगों को यहां रखकर उनकी चेकिंग की जा रही है। इसलिए किसी को भी घबराने की आवश्यकता नहीं है।
पीड़ितों को पेड लीव देने की बात कही गई है। जिससे उनके घर का खर्च भी चलता रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में चेकिंग के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। मेट्रो और बसों को रोजाना सेनेटाइज किया जा रहा है। इसलिए सार्वजनिक वाहनों के इस्तेमाल से घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है।
डॉक्टर नूतन ने बताया कि यह वायरस एक व्यक्ति की छींक से दूसरे व्यक्ति को जाता है। छींक एक से सवा मीटर तक जा सकती है, इसलिए खांसते समय व्यक्ति को अपने मुंह पर रुमाल रखना चाहिए। रुमाल की जगह एक बार इस्तेमाल होने वाले टिशू पेपर का इस्तेमाल करना चाहिए।
हाथ को लगातार धोने से भी ये वायरस खत्म हो जाता है। इसके अलावा हाथ के बजाय कोहनी से मुंह ढकने की कोशिश की जानी चाहिए। स्वस्थ व्यक्ति को मुंह ढकने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि इससे अनावश्यक भय फैलता है। बिना वजह मास्क की कीमतें बढ़ रही हैं।
कायदे से हर छः घण्टे में मास्क इस्तेमाल करना चाहिए। लेकिन यह सम्भव नहीं है। इसलिए इससे बचने की कोशिश करनी चाहिए। N-95 और N-99 मास्क केवल मरीजों को देखभाल कर रहे डॉक्टरों को चाहिए होता है, यहां तक कि नर्सों के लिए भी इसकी आवश्यकता नहीं है। इसलिए बिना वजह मास्क पहनने की होड़ करने से बचें।
हार्ड सरफेस पर यह वायरस केवल दो-तीन घण्टे से अधिकतम आठ घंटे तक जीवित रह सकता है। सॉफ्ट सरफेस पर यह दो दिन तक जीवित रह सकता है, इसलिए इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है।